भूत और एक बच्चे की कहानी
भूत और एक बच्चे की कहानी
कहानी का नाम: साहसी बच्चा और पुराना कुआं
एक छोटे से गाँव में रोहन नाम का एक नटखट लेकिन बहादुर लड़का रहता था। गाँव के बाहर एक पुराना कुआं था, जिसके बारे में लोगों का कहना था कि वहां एक भूत रहता है। बच्चे और गाँववाले उस कुएं के पास जाने से डरते थे।
लेकिन रोहन को हमेशा यह जानने की जिज्ञासा रहती थी कि आखिर उस कुएं में क्या है। एक दिन उसने अपनी माँ से पूछा, "माँ, क्या सच में भूत होते हैं?" माँ ने मुस्कुराकर कहा, "डर केवल हमारे मन का वहम है।"
रोहन ने ठान लिया कि वह इस बात का पता लगाएगा। रात को चुपके से वह अपने छोटे से लालटेन के साथ कुएं की तरफ निकल पड़ा। वहाँ पहुँचते ही उसने देखा कि कुएं के पास एक हल्की रोशनी चमक रही थी। डर के बावजूद उसने हिम्मत दिखाते हुए आवाज लगाई, "कौन है यहाँ?"
अचानक एक बूढ़े आदमी की धुंधली आकृति प्रकट हुई। वह रोहन को देखकर मुस्कुराया और बोला, "डरो मत बच्चा। मैं तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा। मैं इस कुएं का रक्षक हूँ।"
रोहन ने साहस से पूछा, "आप यहाँ क्यों रहते हैं?"
भूत ने जवाब दिया, "मैं इस गाँव का पुराना निवासी था। मैंने इस कुएं को बनवाया था ताकि गाँववालों को पानी मिल सके। लेकिन अब लोग इस कुएं को भूल गए हैं। मेरी आत्मा तब तक मुक्त नहीं हो सकती जब तक गाँववाले इसे फिर से उपयोग में नहीं लाते।"
रोहन ने वादा किया कि वह गाँववालों को सब बताएगा। अगले दिन उसने गाँव के सभी लोगों को इकट्ठा किया और भूत की बात बताई। पहले तो लोग हिचकिचाए, लेकिन फिर सबने मिलकर कुएं की सफाई की। जैसे ही कुआं साफ हुआ, वहाँ का पानी फिर से चमकने लगा।
उस रात भूत रोहन के सपने में आया और कहा, "धन्यवाद, बच्चे। तुमने मेरी आत्मा को शांति दी।" और फिर वह हमेशा के लिए गायब हो गया।
नैतिक:
साहस और बुद्धिमानी से डर पर काबू पाया जा सकता है, और दूसरों की मदद करने से सच्ची खुशी मिलती है।
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